आधारभूत संरचना & सुविधाऐ

खण्डेलवाल वैश्य धाम (खण्डेला धाम) की वर्त्तमान सुविधाओं की संक्षिप्त जानकारी

धाम में प्रवेश करते ही सामने की तरफ गणेशजी का भव्य मंदिर बना हुआ है. इस मंदिर का निर्माण वर्ष 2004 में हुआ था. मंदिर के अन्दर गणेश जी की भव्य मूर्ति एवं काँच की नक्काशी अत्यंत मनमोहक है।

निकट ही एक ही प्राकट्य स्वरुप शिला से प्राप्त 25 टन वजनी कैलाशपति बालाजी की विशाल प्रतिमा बनी हुई है. इस प्रतिमा को देखकर ऐसा प्रतीत होता है जैसे यहाँ पर बालाजी महाराज साक्षात मौजूद हैं. पास ही में शिव मंदिर बना हुआ है. मंदिर में पूरी शिव पंचायत है. संगमरमर का बना हुआ यह मंदिर भी काफी भव्य है.

थोड़ी दूरी पर बाहर से आने वाले यात्रियों के ठहरने के लिए सभी सुविधाओं युक्त अतिथि गृह बना हुआ है. यहाँ से आगे गहन हरियाली युक्त एक सुन्दर बगीचा है जो कि लगभग एक लाख स्क्वायर फीट में फैला हुआ है.

इस बगीचे के दो छोरों पर खंडेलवाल वैश्य के 72 गौत्रों की सभी 37 कुल देवियों के मंदिर बने हुए हैं. सभी मंदिरों में कुल देवियों की भव्य प्रतिमाएँ स्थापित है जिनकी दोनों समय पूजा एवं आरती होती है.

कुल देवियों के सभी मंदिरों के सौंदर्यीकरण के लिए मंदिरों के चारों तरफ गुलाबी पत्थर (वंशी पहाडपुर) लगवाया जा रहा है. साथ ही मन्दिर के अन्दर ग्रेनाइट लगवाया जा रहा है एवं किवाडों पर जर्मन सिल्वर लगवाई जाने की योजना है.

इन मंदिरों के साथ ही एक काल भैरव का मंदिर भी बना हुआ है. गुलाबी पत्थरों (वंशी पहाडपुर) से निर्मित दो अलग-अलग वक्राकार कतारों में स्थित ये मंदिर काफी भव्य दिखाई पड़ते हैं.

कुल देवियों के मंदिरों के साथ ही मुंबई के प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर के प्रतिरूप वाले मंदिर और चारों धाम के मंदिरों का निर्माण भी शीघ्र ही होना है.

बगीचे के एक किनारे पर खंडेलवाल वैश्य कुलभूषण धर्म एवं समाज सुधारक संत सुन्दरदासजी की प्रतिमा बनी हुई है. ज्ञान और साहित्य के क्षेत्र में दादूपंथी इन्हें दूसरा शंकराचार्य कहा करते

जिस प्रकार खंडेला धाम का विकास हो रहा है उसे देखकर यह लगता है कि भविष्य में यह धार्मिक स्थल के साथ-साथ पर्यटक स्थल के रूप में भी अपनी पहचान विश्व पटल पर बना लेगा.

खण्डेला धाम विवाह,वैवाहिक वर्षगाँठ, जन्मदिन, सवामणी, गोंठ, भागवत कथा, आदि के लिए सर्वाधिक उपयुक्त स्थान है।

ट्रस्ट के लिए दान

1. आजीवन संरक्षक ट्रस्टी: रू.11,00,000/-

2. आजीवन ट्रस्टी: रू.1,00,000/-

3. अतिथि गृह के कमरा निर्माण: रू.8,00,000/-

4. अतिथि गृह के कमरों का सौंदर्यीकरण प्रति कमरा रू.3,50,000/-

5. निम्र कुलदेवी माता मंदिरों के सौंदर्यीकरण होने हैं। अनुमानित लागत रू. 7,50,000/- (प्रति मंदिर)

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